जीर्णोद्धार के बाद
फल्गु मंदिर फरल

फल्गु मेले
का आनंद उठाते लोग

वैदिक सभ्यता, धर्म, कला
और दर्शन की सृजन भूमि कुरूक्षेत्र

गया के समान पुण्यदायी
फल्गु तीर्थ (फलकीवन) फरल

फल्गु तीर्थ

कुरूक्षेत्र के सात वनों में से एक फलकीवन महान पुण्य प्रदान करने वाला है। वर्तमान में यही फलकीवन फल्गु तीर्थ के नाम से सुशोभित एवं प्रसिद्ध है। फलकीवन (फल्गु तीर्थ) से ही इस गांव का नाम भी फरल पड़ा। इस तीर्थ का वर्णन महाभारत, वामन पुराण में स्पष्ट रूप से मिलता है।

                        

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फल्गु तीर्थ पर वीडियो देखें

श्री फल्क ऋषि

श्री फल्क ऋषि

फ़रल गाँव में श्री फल्क ऋषि मंदिर है। यहाँ महर्षि फल्क की संगमरमर की एक भव्य प्रतिमा स्थापित है। जिसकी देखभाल वंश परम्परा के अनुरूप वर्तमान में पंडित श्री जयगोपाल शर्मा कर रहे हैं। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिम में एक विशाल सरोवर है। लाखों श्रद्धालु यहां पितरों के निमित श्राद्ध करते हैं। इसी श्राद्ध को पितृकर्म या पिंडदान कहा जाता हैं।

                                       हरियाणा के कैथल जिले के गांव फरल में स्थित यह तीर्थ स्थान कैथल से 25 कि0मी0, कुरूक्षेत्र से 27 कि0मी0 और पेहवा से 20 कि0मी0 ढाण्ड-पूण्डरी मार्ग पर लगभग दोनों के मध्य स्थित है।

                                            नजदीक के रेलवे स्टेशन पेहोवा रोड, कैथल और कुरुक्षेत्र हैं। यह तीर्थ स्थान नई दिल्ली से 188 कि0मी0 और चंडीगढ से 115 कि0मी0 दूर है। जबकि इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट नई दिल्ली से दूरी 197 कि0मी0 है।

फल्गु लोक कला उत्सव – पिछले ५ वर्षों के वीडियो

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फल्गु मेला - १०० वर्षों पर एक नजर

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कुरूक्षेत्र के प्रसिद्ध तीर्थ

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सन्निहित सरोवर

कुरूक्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध तीर्थ-स्थानों में सन्निहित सरोवर भी बहुत महत्व रखता है। कुरूक्षेत्र में कैथल मार्ग पर श्री कृष्ण संग्रहालय के पास स्थित है तथा मुख्य मार्ग पर इसका विशाल द्वार बना है।
Ban Ganga

बाण गंगा

कुरूक्षेत्र से पेहवा मार्ग पर ज्योतिसर से कुछ पहले ही मुख्य मार्ग से जुड़ा हुआ एक मार्ग हमें दयालपुरा गांव ले जाता है जहां स्थित है
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गीताजन्म स्थली

संपूर्ण विश्व में भारत श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान के लिए प्रसिद्ध है। गीता का ज्ञान आध्यात्मिक क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
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स्थानेश्वर महादेव मंदिर

स्थानेश्वर महादेव मंदिर का नाम कुरूक्षेत्र के मन्दिरों में आदर के साथ लिया जाता है इसके आधार पर ही यहां का नाम थानेसर पड़ा है।

फल्गु तीर्थ

कुरूक्षेत्र के सात वनों में से एक फलकीवन महान पुण्य प्रदान करने वाला है। वर्तमान में यही फलकीवन फल्गु तीर्थ के नाम से सुशोभित एवं प्रसिद्ध है। फलकीवन (फल्गु तीर्थ) से ही इस गांव का नाम भी फरल पड़ा। इस तीर्थ का वर्णन महाभारत, वामन पुराण में स्पष्ट रूप से मिलता है।
तीर्थ स्थान का पता:
फल्गु तीर्थ प्राचीन फल्गु मंदिर धर्मशाला
ग्राम व पत्रालय फरल
जिला कैथल
हरियाणा - 136021

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@ 2021 Copyright by Phalgu Tirth. All rights reserved.

फल्गु तीर्थ

कुरूक्षेत्र के सात वनों में से एक फलकीवन महान पुण्य प्रदान करने वाला है। वर्तमान में यही फलकीवन फल्गु तीर्थ के नाम से सुशोभित एवं प्रसिद्ध है। फलकीवन (फल्गु तीर्थ) से ही इस गांव का नाम भी फरल पड़ा। इस तीर्थ का वर्णन महाभारत, वामन पुराण में स्पष्ट रूप से मिलता है।
तीर्थ स्थान का पता:
फल्गु तीर्थ
ग्राम फरल
जिला कैथल
हरियाणा - 136021

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